Manas Yoga Seva Trust

योग

योग साधना की सर्वोत्तम पद्धति

योग साधना का मुख्य उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा में संतुलन स्थापित करना है। श्रेष्ठ योग पद्धति वही है जो नियमित, संयमित और शुद्ध मन से की जाए।

1. प्रारंभिक तैयारी:

– प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त (प्रातः काल 3:00 से 5:00)में उठकर स्नान करें। शांत और स्वच्छ वातावरण में साधना करें। पेट खाली होना आवश्यक है।

2. आसन :

– सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठें। शरीर स्थिर और रीढ़ सीधी रखें।

3. प्राणायाम:

– अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, कपालभाति जैसे प्राणायामों से मन स्थिर होता है और ऊर्जा जाग्रत होती है।

4. ध्यान (ध्यान धारणा):

नेत्रों को बंद कर ‘ओम’ का उच्चारण करें। श्वास पर ध्यान केंद्रित करें। धीरे-धीरे चित्त एकाग्र होता है।

5. मंत्रजाप या कीर्तन:

गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जप करें या भगवान के नाम का कीर्तन करें। इससे भक्ति और आत्मिक शांति मिलती है।

6. समापन:

ध्यान के बाद शांति मंत्र से साधना का समापन करें:
“ॐ शांति: शांति: शांति:।”

नियमित अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।

योग|सन:

  • योग आसनों के लाभ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत प्रभावी होते हैं। नियमित योग अभ्यास से शरीर में लचीलापन, शक्ति और संतुलन आता है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है और मांसपेशियों को टोन करता है।
  • योग के विभिन्न आसन जैसे ताड़ासन, भुजंगासन, और शवासन तनाव को कम करते हैं और मन को शांत करते हैं।योग का अभ्यास पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और रक्त संचार को भी सुचारु करता है। इससे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। योग मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करता है — यह चिंता, अवसाद और अनिद्रा को कम करता है।
  • सांस पर नियंत्रण (प्राणायाम) और ध्यान के साथ योग आत्म-ज्ञान की ओर भी ले जाता है, जिससे व्यक्ति अधिक अनुशासित और संतुलित जीवन जीता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
  • नियमित योगाभ्यास से तन और मन दोनों में संतुलन स्थापित होता है, जिससे जीवन में शांति, स्वास्थ्य और सकारात्मकता बनी रहती है  

 

प्राणायाम के लाभ:

  • प्राणायाम योग की एक महत्वपूर्ण विधि है जो श्वास पर नियंत्रण के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। नियमित प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है जिससे ऊर्जा, सहनशक्ति और मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है। यह मन को शांत करता है, तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है।
  • अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपालभाति आदि प्राणायाम अभ्यास फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और रक्तसंचार को सुधारते हैं। इससे हृदय संबंधी रोगों, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। प्राणायाम से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।
  • मानसिक रूप से यह एकाग्रता, स्मरणशक्ति और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है। यह आत्म-चिंतन और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। सब मिलाकर, प्राणायाम शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ और संतुलित रखने का सरल लेकिन प्रभावी उपाय है।
    योग प्राणायाम आसन द्वारा मिल रहे इन लाभ को घर-घर तक पहुंचाने के लिए हमारी संस्था मानस योग सेवा ट्रस्ट द्वारा गांधीनगर के प्रत्येक तहसील में एवं गांव गांव में योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है ।

 

संस्था द्वारा आयोजित योग शिविर की सूची:-

2017, 2018, 2019, 2020, 2021, 22022, 2023