Manas Yoga Seva Trust

यज्ञ चिकित्सा

यज्ञ चिकित्सा – एक प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति

यज्ञ चिकित्सा भारतीय वैदिक परंपरा की एक प्राचीन और वैज्ञानिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें अग्नि में औषधीय सामग्री की आहुति देकर वातावरण और शरीर को शुद्ध किया जाता है। “यज्ञ” का अर्थ है देवताओं को हवि अर्पित करना, और “चिकित्सा” का अर्थ है रोगों से मुक्ति पाना। जब विशिष्ट जड़ी-बूटियों, गौमाता का शुद्ध घी और प्राकृतिक द्रव्यों को यज्ञ में आहुति दी जाती है, तो उससे उत्पन्न धूम्र वातावरण को शुद्ध करता है और जीवाणुओं को नष्ट करता है।

अध्ययनों से पता चला है कि यज्ञ में प्रयुक्त औषधीय द्रव्यों से उत्पन्न गैसें मानसिक तनाव, अस्थमा, त्वचा रोग और यहां तक कि कुछ मानसिक बीमारियों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। यज्ञ चिकित्सा न केवल शरीर को ठीक करती है, बल्कि मन को भी शांत और सकारात्मक बनाती है।

यह चिकित्सा विधि आयुर्वेद, पर्यावरण विज्ञान और योग के सिद्धांतों से जुड़ी हुई है। आज के प्रदूषित वातावरण में यज्ञ चिकित्सा एक प्राकृतिक उपाय के रूप में फिर से लोकप्रिय हो रही है। यह न केवल उपचार का साधन है, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली सुधार का माध्यम भी है।
वातावरण और जीवनशैली के असंतुलन से होने वाले रोगों जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तनाव में यह विधि अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। प्राकृतिक चिकित्सा न केवल शरीर को रोगमुक्त करती है, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करती है।

यह चिकित्सा पद्धति बिना किसी दुष्प्रभाव के, दीर्घकालिक स्वास्थ्य और संपूर्ण कल्याण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। भारत में कई प्रसिद्ध प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र हैं जहाँ हजारों लोग प्रतिवर्ष लाभ प्राप्त करते हैं।